जी.एस.टी बिल पर राय
जी.एस.टी से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन बिल को कैबिनेट मंत्रियो की मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को लोक सभा में भी पेश कर दिया गया है । इसके साथ ही देश भर में जीएसटी को लागू करने की राह आसान हो गई है ।
जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग लगने वाले सभी कर एक ही सामान का कर हो जाएंगे।
इससे पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगभग एक हो जाएंगी। मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं को वस्तुए सस्ती हो जायगी |
क्या है जीएसटी
जीएसटी एक वैट है, जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा । जीएसटी दो स्तरों पर लगेगा | केंद्रीय जीएसटी होगा । इससे पूरा देश एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में समाहित हो जाएंगे।
क्या होगा फायदा
केंद्र के स्तर पर यह केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और अतिरिक्त सीमा शुल्क और राज्य स्तर पर वैट, मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स और बिजली शुल्क को मिला कर लगेगा । अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स लगने की वजह से चीजों के दाम घटेंगे और आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा|
सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी घट जाएगी । जीएसटी दर पर सरकार ने खुलासा नहीं हुआ है । ज्यादातर देशों में यह 14 से 16 फीसदी तक है ।
क्या निकला रास्ता
जीएसटी में शामिल करने के बावजूद केंद्र इस पर तीन साल तक टैक्स नहीं वसूलेगा। राज्य तीन साल तक इस पर टैक्स वसूल सकते हैं। केंद्र ने सीएसटी का भुगतान बंद होने पर राज्यों को होने वाले घाटे की भरपाई के लिए इस वित्त वर्ष में 11000 करोड़ रुपये देने का वादा किया है । अल्कोहल और तंबाकू पर टैक्स उगाही राज्य ही करेंगे ।
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